Kullu-Manali : हनीमून Honeymoon
अपने जीवन साथी के साथ विवाह के बाद नए जीवन की शुरुआत को सेलिब्रेट करना Honeymoon हनीमून कहलाता है जिसमे दोनों को एक दूसरे को जानने समझने एवं वो सुखद पल जब पहली बार दोनों का मन और तन से एक होना ही हनीमून होता है इसे जीवन भर यादगार बनाने के लिए घर परिवार से दूर अपने जीवन साथी के साथ किसी खूबसूरत डेस्टिनेशन पर खूबसूरत समय इन्जॉय करना हनीमून पीरियड कहलाता है जिसमे आपके लिए Kullu-Manali : हनीमून के लिए खास है कुल्लू-मनाली – बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन हो सकता है
Kullu-Manali : हनीमून के लिए खास है कुल्लू-मनाली
हरी-भरी घाटियां, किसी सुरमयी साज की तरह कानों में रस घोलते झरने, बर्फ से लकदक ऊंची-ऊंची पहाडिय़ां, उनसे निकलती चमकती किरणें, कल-कल करतीं तेज गति से बहती नदियां, नागिन की तरह बलखाती खूबसूरत सड़कें, हवा में लहराते सेब, नाशपाती, अनार और प्लम के बगीचे। घने जंगल…सुकून भरा शीतल एहसास, स्वच्छ जलवायु। कुदरत के बारे में जितनी सुंदर कल्पना कर सकते हैं, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत हैं हिमाचल के ये पर्वतीय नगर। गर्मी के मौसम में यहां का नजारा कुछ ऐसा ही होता है। लोग मंत्रमुग्ध हो यहीं खो जाते हैं। नवविवाहित युगलों के लिए भी हनीमून का पसंदीदा पड़ाव है मनाली।
Kullu-Manali : प्राकृतिक सौन्दर्य
बर्फ से ढके पहाड़
हिमालय की गोद में बसा कुल्लू-मनाली अपनी बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए मशहूर है। रोहतांग दर्रा, सोलंग घाटी, और मनाली ग्लेशियर जैसी जगहें आपको प्रकृति के करीब ले जाएंगी और आपके हनीमून को रोमांचक बना देंगी।
हरी-भरी वादियां
कुल्लू-मनाली में आपको हरी-भरी वादियां, मनमोहक झरने, और शांत नदियां भी देखने को मिलेंगी। व्यास नदी के किनारे टहलते हुए आप अपने जीवनसाथी के साथ रोमांटिक खूबसूरत पल बिता सकते हैं।
विभिन्न प्रकार के फल और फूल
कुल्लू-मनाली में आपको कई प्रकार के फल और फूल भी देखने को मिलेंगे। सेब,चेरी और नाशपाती जैसे फल और रंग-बिरंगे फूल आपके हनीमून को और भी रोमांटिक बना देंगे। घाटी की ऊंची पहाडिय़ों पर सेब के बगान और निचले क्षेत्रों में अनार, प्लम, नाशपाती आदि के बागान हैं। यहां पर्यटन के साथ फलों के बगीचे भी आजीविका के साधन हैं।
बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग का हॉटस्पॉट
उत्तरी भारत के हिमाचल प्रदेश स्थित कुल्लू जिले का यह शहर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग का हॉटस्पॉट रहा है। यह कुल्लू से रोहतांग दर्रा होते हुए लेह-लद्दाख की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर स्थित है, जो साहसिक सैलानियों को अपनी ओर खींचता है। यह पूरा रास्ता कुदरत के एक से बढ़कर एक नजारों से पटा पड़ा है।
Kullu-Manali : एडवेंचर
- राफ्टिंग :व्यास नदी में राफ्टिंग का रोमांच आपको और आपके जीवनसाथी को जरूर पसंद आएगा।
- ट्रेकिंग : कुल्लू-मनाली में कई ट्रेकिंग ट्रेल्स हैं। आप अपनी पसंद और क्षमता के अनुसार ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं।
- पैराग्लाइडिंग : कुल्लू-मनाली में पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकते हैं। आसमान से पहाड़ों और वादियों का नजारा आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
हनीमून के लिए कुछ खास जगहें
रोहतांग दर्रा
यह दुनिया के सबसे ऊंचे motorable pass में से एक है। यहां से आपको हिमालय पर्वत श्रृंखला का खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा।
बर्फ से लकदक रोहतांग पास
मनाली का सबसे बड़ा आकर्षण पूरे वर्ष बर्फ से ढका रहने वाला रोहतांग पास है। यह मनाली से 50 किमी. दूर समुद्र तल से 13050 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान सैलानियों को ही नहीं, पर्वतारोहियों को भी खूब लुभाता है। रोहतांग पास कभी भारत व मध्य एशिया के कई देशों की संस्कृतियों को मिलाने का मुख्य मार्ग था। पर्यटन के लिहाज से यह स्थान बेहद लोकप्रिय है।
सोलंग घाटी
यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक गतिविधियों के लिए मशहूर है।
व्यास नदी
आप व्यास नदी के किनारे टहलते हुए अपने जीवनसाथी के साथ रोमांटिक पल बिता सकते हैं।
मनाली ग्लेशियर
यह ग्लेशियर हिमालय पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है। यहां आपको बर्फ से ढके पहाड़ों और ग्लेशियर का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।
हडिम्बा मंदिर
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
रोरिक आर्ट गैलरी
यह स्थान कुल्लू के ऐतिहासिक क्षेत्र नग्गर से 3 किमी. ऊपर है, जो आज एक विकसित पर्यटन स्थल तो है ही, कला साधकों के लिए भी किसी कुंभ से कम नहीं। कुल्लू को विश्व मानचित्र पर पहचान दिलाने का श्रेय रूसी चित्रकार एवं साहित्यकार निकोलस रोरिक को भी जाता है। उन्होंने अपनी कूची से पहाड़ों को एक नया रूप दिया और हिमालयी सभ्यता को ऐसे उकेरा कि वह दुनिया भर में लोकप्रिय हो गई। नग्गर स्थित यह हॉल एस्टेट, जिसमें रोरिक रहा करते थे, आज आर्ट गैलरी में तब्दील हो गया है। यहां उनकी हजारों पेटिंग्स को बखूबी सहेज कर रखा गया है। यहां एक संग्रहालय और ओपन थियेटर भी है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने 1928 में मंडी के राजा से यहां का हॉल एस्टेट खरीदा था, जिसे आज संग्रहालय का स्वरूप दिया गया है।
विदेशियों की पसंद कसोल
कसोल घाटी विदेशी पर्यटकों की खास पसंद है। यहां इजरायली जैसे रच-बस गए हैं। दशक भर से यह क्षेत्र देसी सैलानियों के लिए कुंभ मेले के समान हो गया है। यहां आने वालों में 90 फीसद युवा होते हैं, जो एडवेंचर और मौज-मस्ती के लिए आते हैं। वे यहां खुले आसमान के नीचे रंग-बिरंगे कैंपिंग साइट में ठहरते हैं। रेस्तरां व कैफे में भी इजरायलियों की भीड़ लगी रहती है। मणिकर्ण घाटी के कसोल सहित रसोल, छलाल, जरी, तोश व खीरगंगा में भी हलचल रहती है। वे यहां की प्राकृतिक वादियों से मिलने वाले आनंद को अधिक पसंद करते हैं।
कुल्लू की प्रसिद्ध शॉल
स्थानीय बाशिंदों के हुनरमंद हाथों से तैयार विशेष गर्म उत्पाद है कुल्लवी शॉल। आज कुल्लू शॉल के नाम पर यहां का ‘भुट्टिको- विश्व में एक ब्रांड बन चुका है। कुल्लू घाटी सहित प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ऊनी वस्त्रों का उत्पादन बहुत पुराना है, शॉल के अलावा यहां की कुल्लवी टोपी, मफलर, मोजे आदि भी हथकरघा के विशेष उत्पाद हैं। हथकरघा यानी हाथ से चलने वाला लकड़ी का विशेष यंत्र, जिसके ताने-बाने में रंग-बिरंगे धागों को पिरोकरपहले एक पट्टी तैयार की जाती है, फिर विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते हैं।
आरामदायक और शानदार होटल :
कुल्लू-मनाली में आपको अपने बजट के हिसाब से आरामदायक और शानदार होटल मिल जाएंगे। कई होटल हनीमून पैकेज भी ऑफर करते हैं, जिनमें आपको कई सुविधाएं मिलती हैं। यदि आपको हनीमून पर जाना है तो पहले बुक करवाना फायदेमंद रहेगा।
स्वादिष्ट व्यंजन :
कुल्लू-मनाली में आपको हिमाचली व्यंजनों का स्वाद लेने का मौका मिलेगा। मिट्ठे चावल, सिड्डू और ढाम, जैसे व्यंजन आपको जरूर पसंद आएंगे।
कुल्लू-मनाली में भारतीय सभ्यता-संस्कृति की अमूल्य धरोहरों को प्राचीन समय से ही बड़ी खूबसूरती से संजोकर रखा गया है। कुल्लू घाटी के मंदिर, कुल्लू दशहरा, मणिकर्ण, रोरिक कला संग्रहालय यहां की पहचान हैं। गर्म कुंड भी यहां के खास आकर्षण हैं।
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