झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। बर्फ़ से ढके पहाड़ों के बीच बसा यह स्थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसलिए इसे ‘झीलों का शहर’ भी कहा जाता है। यह समुद्र तल से 7,000 फीट ऊपर स्थित है। आइये जानते है Discover में Nainital : नैनीताल के टॉप 10 टूरिस्ट डेस्टिनेशन के बारे में –
नैनीताल का धार्मिक महत्व
पहला महत्त्व : नैनीताल शहर का पहला उल्लेख त्रि-ऋषि सरोवर (त्रि-ऋषि सरोवर के नाम से स्कन्द पुराण के मानस खंड में) कहा जाता है कि अत्रि, पुलस्त्य व पुलह नाम के तीन ऋषि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के मार्ग में इस स्थान से गुजर रहे थे कि उन्हें ज़ोरों की प्यास लग गयी। इस पर उन्होंने अपने तपोबल से यहीं मानसरोवर का स्मरण करते हुए एक गड्ढा खोदा और उसमें मानसरोवर झील का पवित्र जल भर दिया। इस प्रकार नैनी झील का धार्मिक महात्म्य मानसरोवर झील के तुल्य ही माना जाता है।
दूसरा महत्त्व : नैनी झील को देश के 64 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव जब सती माता के दग्ध शरीर को आकाश मार्ग से कैलाश पर्वत की ओर ले जा रहे थे, इस दौरान भगवान श्री विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर को कई भागों विभक्त कर दिया था। ऐसी स्थिति में जहाँ-जहाँ पर शरीर के अंग गिरे, वहाँ-वहाँ पर शक्तिपीठ कहलाये। जहाँ पर सती के नयन गिरे थे, वहीं पर नैनादेवी के रूप में उमा अर्थात् नन्दा देवी का भव्य स्थान हो गया। आज का नैनीताल वही स्थान है, जहाँ पर उस देवी के नैन गिरे थे। नयनों की अश्रुधारा ने यहाँ पर ताल का रूप ले लिया। तबसे निरन्तर यहाँ पर शिव पत्नी नन्दा (पार्वती) की पूजा नैनादेवी के रूप में होती है। नैनीताल के ताल की बनावट भी देखें तो वह आँख की आकृति का ‘ताल’ है। इसके पौराणिक महत्व के कारण ही इस ताल की श्रेष्ठता बहुत मानी जाती है। नैनी (नंदा) देवी की पूजा यहाँ पर पौराणिक काल से होती रही है। सती माता की बांयी आँख यहाँ गिरी थी, जिस कारण इसे नयनताल, नयनीताल व कालान्तर में नैनीताल कहा गया। यहाँ नयना देवी का पवित्र मंदिर स्थित है।
हनीमून के लिए परफेक्ट है नैनीताल
नैनीताल में अप्रैल से जून और सितंबर से दिसंबर तक दो टूरिस्ट सीजन होते हैं। जनवरी और फ़रवरी के दो ऐसे महीने होते हैं जब नैनीताल में बर्फ़ गिरती है। यह सुखद और शान्ति का जीवन बिताने का मौसम है। इसलिए बहुत से नवविवाहित कपल्स हनीमून के लिए नैनीताल आते हैं। आजकल नैनीताल के आकर्षण में रोप वे की सवारी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गयी है। सुबह, शाम और दिन में सैलानी नैनीताल के ताल में जहां बोट की सवारी करते हैं, वहीं घोड़ों पर चढ़कर घुड़सवारी का भी आनन्द लेते हैं। सर्दियों में और गर्मियों में यहाँ बड़ी रौनक रहती है। शरदोत्सव के समय पर नौकाचालन, तैराकी, घोड़ों की सवारी और पर्वतारोहण जैसे मनोरंजन और चुनौती भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।
रोमांचकारी है नैनीताल की यात्रा
- पैराग्लाइडिंग : नैनीताल में सबसे लोकप्रिय रोमांचकारी चीजों में से एक है। नौकुचियाताल और भीमताल में वहां के ट्रेंड प्रशिक्षित की मौजूदगी में पैराग्लाइडिंग की जा सकती है। मार्च से जून और अक्टूबर से दिसंबर के महीने इन रोमांचक गतिविधियों के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं जब आसमान साफ होता है।
- केबल कार : नैनीताल का विहंगम दृश्य देखने के लिए, आपको केबल कार या हवाई रोपवे की सवारी करनी होगी। यह मल्लीताल से शुरू होता है और स्नो व्यू पॉइंट से जुड़ता है। एकतरफा यात्रा में तीन मिनट से भी कम समय लगता है। केबल कार रोमांचकारी यात्रा है ।
- नौका विहार : नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का सबसे अच्छा तरीका वहाँ की शांत झीलों का भ्रमण कीजिए । आप नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल और खुर्पाताल सहित कई झीलों में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
- रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रेकिंग : रॉक क्लाइम्बिंग साहसिक उत्साही लोगों के लिए नैनीताल में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। रॉक क्लाइंबिंग कोर्स के लिए आप नैनीताल माउंटेनियरिंग क्लब में प्रवेश ले सकते हैं। ट्रेकिंग आपकी नैनीताल यात्रा का आनंद लेने के लिए सबसे प्रसिद्ध और सर्वोत्तम गतिविधियों में से एक है। चाइना पीक नैनीताल का उच्चतम बिंदु है और यह एक लुभावना दृश्य प्रस्तुत करता है।
कैसे पहुंचे नैनीताल
वायु मार्ग By Air
नैनीताल से निकटतम घरेलू एयरपोर्ट पंतनगर हवाई अड्डा, पंतनगर है, जो शहर से लगभग एक घंटे की ड्राइव पर है, क्योंकि यह 55 किलोमीटर दूर है। यह एयरपोर्ट नई दिल्ली और मुंबई से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। देहरादून हवाई अड्डा नैनीताल से 283 किलोमीटर दूर है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नैनीताल के बीच की दूरी 248 किमी है। हवाई जहाज़ से जाने वाले पर्यटक चंडीगढ़ एयरपोर्ट तक वायु मार्ग से जा सकते है। इसके बाद बस या कार की सुविधा ले सकते है।
रेल मार्ग By Train
निकटतम रेलवे स्टेशन, काठगोदाम रेलवे स्टेशन, नैनीताल से 23 किमी दूर है। नई दिल्ली, कोलकाता, आगरा और लखनऊ जैसे शहरों से काठगोदाम के लिए प्रतिदिन कई ट्रेनें चलती हैं। रेल मार्ग द्वारा नैना देवी जाने के लिए पर्यटक चंडीगढ़ और पालमपुर तक रेल से जा सकते है। इसके पश्चात् बस, कार व अन्य वाहनों से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ़ देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग By Road
नैना देवी दिल्ली से 350 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। दिल्ली से वाया करनाल , चंडीगढ़ और रोपड़ होते हुए पर्यटक नैना देवी पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग सभी सुविधाओं से युक्त है जहाँ काफ़ी सारे होटल हैं, जहां पर विश्राम किया जा सकता है।
नैनीताल पर्यटन का सबसे अच्छा समय
नैनीताल में मार्च से जून के बीच घूमने जाने का समय सबसे अच्छा होता है। वहीं अगर सर्दियों में घूमने के शौकीन हैं तो इस मौसम में भी नैनीताल घूमने के लिए बेस्ट जगह है। सर्दियों के दौरान आप अक्टूबर से फरवरी के बीच जा सकते हैं, लेकिन अगर आपको मानसून के दौरान नैनीताल घूमना पसंद है तो आप जा सकते हैं लेकिन लैंडस्लाइड से सावधान रहें और सुरक्षित रहें ।
नैनीताल में घूमने की टॉप 10 खूबसूरत जगहें
1. नैनीताल झील
नैनीताल में एक प्राकृतिक झील है। जो अर्धचंद्राकार यानी आंख के आकार की है। नैनीताल का यह झील कुमाऊं क्षेत्र की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है। नैनीताल झील पर्यटकों का मुख्य आकर्षण भी है। नैनीताल झील सात अलग-अलग चोटियों से घिरी एक मनमोहक सुन्दर जगह है। इस झील को दो अलग-अलग वर्गों में बाँटा गया है, उत्तरी भाग को मल्लीताल और दक्षिणी क्षेत्र को तल्लीताल कहा जाता है। आप यहां पर ऊंचे पहाड़ों का आनंद लेने के लिए एवं उन्हें देखने के लिये नाव की सवारी भी कर सकते हैं यह आपको नैनीताल झील के साथ – साथ ऊँचे पहाड़ों से भी रूबरू करवाएगा। इसके साथ ही आप यहां पर यहां के पहाड़ों पर से सनसेट के खूबसूरत नज़ारों को देख सकते हैं। और अच्छी फ़ोटोग्राफ़ भी ले सकते हैं।
समय : नैनीताल झील घूमने का सही समय सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुली रहती है । नैनी झील नैनीताल के तल्लीताल बस स्टैंड से मात्र 1 किमी दूर है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से यह 25 किमी दूर है।
2. नैना पीक
नैना पीक नैनीताल की सबसे ऊंची पहाड़ी है और नैनीताल की सबसे खूबसूरत जगहों में से भी एक है। पहले इसका नाम चाइना पीक था लेकिन 1962 के भारत-चीनी युद्ध के बाद इस चोटी का नाम बदलकर चाइना पीक से नैना पीक कर दिया गया। अपनी ऊंचाई और हरे भरे जंगल के कारण, नैना पीक ट्रेकिंग के लिए एक पसंदीदा जगह है। आप यहां से टट्टू या घोड़े पर सवार होकर भी चोटी पर पहुंच सकते हैं। अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिये परफेक्ट है। ढलानों के नीचे ट्रेक आपको नैनीताल के अद्भुत शहर और नैनी झील के साथ-साथ प्रकृति का जीवंत दृश्य देखने के बाद आप को एक अलग ही सुकून देता है।
समुद्र तल से 2612 मीटर की ऊंचाई पर, यह चोटी नैना पीक के रास्ते से लगभग 6 किमी दूर है और रोडोडेंड्रोन, देवदार और सरू के सुखद जंगल की ओर ले जाती है। नैना पीक अपने आसपास चारों तरफ सुंदरता और आकर्षक दृश्य के साथ एक अलग ही छटा प्रस्तुत करता है। यहां आपको बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियाँ बेहद खूबसूरत दिखाई देती हैं। नैना पीक चोटी माल रोड नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र से लगभग 10 किमी और तल्लीताल बस स्टैंड नैनीताल से लगभग 17 किमी दूर स्थित है ।
3. टिफिन टॉप
यदि आप नैनीताल घूमने जा रहें हैं तो आप नैनीताल में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है टिफिन- टॉप यहां पर अवश्य घूमें, टिफिन- टॉप पर्यटन स्थल नैनीताल शहर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यह स्थान टिफिन के आकार जैसा दिखाई भी देता है।और इसे ही” डोरोथी की सीट “के नाम से भी जाना जाता है। आयरपट्टा पीक पर स्थित यह टिफिन- टॉप स्थान समुद्र तल से 2292 मीटर की उचाईं पर स्थित है। खूबसूरत टिफिन टॉप चेर, ओक और देवदार से घिरा हुआ है। इसके साथ ही आप आयरपट्टा पीक पर स्थित टिफिन- टॉप के इस जगह पर प्रकृति की इस खुबसूरती को करीब से निहार सकते हैं। साथ ही फॉटोग्राफी के शौकीन लोग यहां की ऊँची- ऊँची पहाड़ियों पर अच्छी- अच्छी खुबसूरत पिक्चर क्लिक करवा सकते हैं। यहां पर घुड़सवारी करके यहां की वादियों में घूम सकते हैं। यही नहीं आप टिफिन- टॉप पर सुबह और शाम दोनों समय सनसेट और सनराइज देखने का भी आनंद ले सकते हैं। निकटतम तल्लीताल बस स्टैंड है। टिफिन टॉप से नैनीताल 6 किमी दूर है।
4. स्नो व्यू पॉइंट
नैनीताल का स्नो व्यू पॉइंट नैनीताल के खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। यह हिमालय की चोटियों को देखने के लिए सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। अगर आप भी स्नो व्यू पॉइंट घूमना चाहते हैं तो आप सुबह की ट्रिप प्लान करें, क्योंकि सुबह के समय स्नो व्यू पॉइंट से हिमालय पर्वतमाला के कुछ बेहतरीन खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। यहां हिमालय की चोटियों के टॉप सफेद बर्फ से ढकी होती हैं और चारो तरफ हरे मैदानों में और भी खूबसूरत दिखाई देती हैं। स्नो व्यू पॉइंट से बर्फ से ढकी नंदा देवी, त्रिशूल और नंदा कोट के भी लुभावने खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं।
इसके साथ ही यह नैनीताल झील और शहर के शानदार दृश्य भी प्रस्तुत करता है। स्नो व्यू प्वाइंट सड़क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, चोटी पर राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य देवताओं को समर्पित एक छोटा मंदिर स्थित है। गेलुक्पा आदेश के तिब्बती मठ, गढ़न कुंक्योप लिंग गोम्पा, के पास स्थित है स्नो व्यू पॉइंट भी एक दर्शनीय स्थल है। स्नो व्यू पॉइंट का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो मल्लीताल माल रोड से 35 किमी दूर है। मल्लीताल पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन से निजी टैक्सी लें या बस लें। वहां से टैक्सी कैब किराए पर लें या रोपवे से जा सकते है।
समय : स्नो व्यू प्वाइंट प्रवेश फ्री है। हालांकि, आपको वहां पहुंचने के लिए (कैब या रोपवे के जरिए) भुगतान करना होगा। समय: स्नो व्यू पॉइंट शनिवार को छोड़कर, सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
5. नैना देवी मन्दिर
नैनी झील के तट पर स्थित नैना देवी मंदिर, उत्तराखंड के सबसे धार्मिक स्थलों में से एक है और नैनीताल में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर का नाम पौराणिक कथा से मिलता है। माना जाता है कि देवी सती की आंखें इस स्थान पर गिरी थीं । बताया जाता है की भगवन शिव जब माता सती के शरीर को लेकर तीनों लोको में विचरण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर को 51 अलग-अलग हिस्सों में बाँट दिया था।
मंदिर परिसर के भीतर एक पुराना पीपल का पेड़ है और आगे नीचे भगवान हनुमान की एक मूर्ति है, जो आशीर्वाद दे रही है। आंतरिक गर्भगृह में माता काली देवी और भगवान गणेश की भी मूर्तियां हैं। मंदिर परिसर विशाल है और माना जाता है कि इसका निर्माण 15वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। मंदिर को आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था और 19 वीं शताब्दी के अंत में इसका पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार किया गया था। नैना देवी मंदिर सिटी बस स्टैंड से लगभग 3 किमी दूर है
समय : नैना देवी मंदिर सुबह 06:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।
6. इको केव गार्डन
नैनीताल के फेमस मॉल रोड के पास सूखाताल में स्थित है इको केव गार्डन। इको केव गार्डन आपस में जुड़ी हुई गुफाओं और हैंगिंग गार्डन का एक इंटरकनेक्टेड नेटवर्क समूह है जो नैनीताल के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इसमें सुरंगों के माध्यम से छह भूमिगत गुफाएँ जुड़ी हुई हैं। साथ ही इसके अंदर एक म्यूजिकल फाउंटेन भी है जो इसकी सुंदरता को बढ़ाता है । इस जगह की पुरानी परंपरा को बनाए रखने के लिए बगीचे को पुराने पेट्रोलियम लैंप से जलाया जाता है। इसमें छह गुफाएं जानवरों के आकार की हैं, जैसे बल्ला, बाघ, उड़ने वाली लोमड़ी, तेंदुआ, गिलहरी और साही। कुछ गुफाएँ बहुत संकरी हैं लेकिन यही वह है जो इसमें रोमांच जोड़ता है। इन प्राकृतिक गुफाओं का रख रखाव यहां के स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाता है। इको केव गार्डन सुखाताल में स्थित है। यह नैनीताल बस स्टैंड से लगभग 3 किमी दूर है।
समय : सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक प्रवेश: वयस्कों के लिए प्रति व्यक्ति 60 रुपये; बच्चों के लिए प्रति व्यक्ति 25 रुपये।
7. जीबी पंत हाई एल्टीट्यूड चिड़ियाघर
नैनीताल चिड़ियाघर वन्य जीवन का आनंद लेने के लिए नैनीताल के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीट्यूड चिड़ियाघर, यह उत्तराखंड का एकमात्र चिड़ियाघर है। गोविंद बल्लभ पंत हाई एल्टीट्यूड जू समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चिड़ियाघर दर्जिलिंग और सिक्किम के अलावा उत्तर भारत का एकमात्र सबसे उच्च उचाईं वाला चिड़ियाघर है । यह उन जानवरों का घर है जो केवल उच्च ऊंचाई पर रहते हैं, जिनमें साइबेरियाई बाघ, सेराओ, बकरी, मृग और हिम तेंदुए, चीतल, रेड पांडा आदि शामिल हैं। जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास ऊंचाई में रखा जाता है। नैनीताल चिड़ियाघर 4.6 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें विभिन्न पक्षी भी हैं जैसे गोल्डन तीतर, गुलाब की अंगूठी वाला तोता, कलिज तीतर, पहाड़ी तीतर, सफेद मोर, खिले हुए सिर वाले तोते आदि है ।
समय : सोमवार को छोड़कर हर दिन सुबह 10:30 से 4:30 बजे तक
8. सेंट जॉन चर्च
नैनीताल के जंगल में स्थित एक खूबसूरत चर्च सेंट जॉन एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। चर्च की स्थापना 1844 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। यह उत्तराखंड के उच्च न्यायालय से सटे नैनीताल शहर के उत्तरी किनारे पर स्थित है। चर्च जंगल और पहाड़ों के बीच स्थापित है यह चर्च पारंपरिक तरीके से यूरोपियन शैली में डिजाइन किया गया है । इसकी वास्तुकला नव-गॉथिक शैली को सुंदर रंगीन कांच की खिड़कियों के साथ प्रदर्शित करती है। यह शांतिपूर्ण चर्च स्थल देवदार और देवदार के पेड़ों से घिरी एक खूबसूरत पहाड़ी के ऊपर स्थित, यह एक सुंदर दृश्य बनाता है। वाइल्डरनेस चर्च में सेंट जॉन नैनीताल माल रोड से सिर्फ 2 किमी दूर है। प्रवेश: चर्च जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। समय: आप सप्ताह के सभी दिनों में जा सकते हैं।
समय : प्रातः 7:00 से सायं 6:30 तक तथा रविवार के लिए प्रातः 9:00 से सायं 6:30 बजे तक है ।
9. गुर्नी हाउस
गुर्नी हाउस 1881 में बनी एक पुरानी, ऐतिहासिक इमारत है जो कभी शिकारी, व्यापारी और कहानियों के उत्साही कहानीकार जिम कॉर्बेट का निवास स्थान था। गुर्नी हाउस की यात्रा समय से पहले की यात्रा है। कॉर्बेट के जाने के 70 वर्षों के बाद भी, गर्नी हाउस में विक्टोरियन शैली के रहन-सहन की सुंदरता और आकर्षण आज भी बरकरार है। यह अब एक निजी घर है हालांकि, वहाँ के निवासियों ने इस विरासत संपत्ति को पर्यटकों के लिये एक पर्यटन स्थल के तौर पर खोल दिया है। इसमें कॉर्बेट के कई फर्नीचर और संपत्तियां आज भी वैसे ही संभाल कर रखें हैं। गुर्नी हाउस तल्लीताल बस स्टैंड से सिर्फ 4 किमी दूर है।
समय : सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक। नि: शुल्क प्रवेश।
10. पंगोट और किलबरी पक्षी अभ्यारण
पंगोट और किलबरी अभयारण्य नैनीताल के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है ।यह नैना देवी कंजर्वेशन रिजर्व वन में स्थित है, इस कंजर्वेशन रिजर्व वन में जीव जंतुओं के अलावा यह ओक, देवदार और रोडोडेंड्रोन से चारो तरफ से घिरा हुआ है। इस पक्षी अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के पक्षी और स्तनधारी हैं। इसमें 580 प्रजातियों में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पक्षी हैं लैमर्जियर, हिमालयन ग्रिफॉन, ब्लू-विंग्ड मिनला, स्पॉटेड और स्लेटी बैक्ड फोर्कटेल, व्हाइट-थ्रोटेड लाफिंग थ्रश, रूफस-बेल्ड वुडपेकर, ब्राउन वुड उल्लू, लिटिल पाइड फ्लाईकैचर, हिमालयन बुलबुल , अल्ताई एक्सेंटर, चेस्टनट-बेलिड न्यूथैच, ग्रीन-समर्थित टाइट और डॉलरबर्ड। पंगोट और किलबरी पक्षी अभयारण्य विभिन्न स्तनधारियों जैसे तेंदुए, हिमालयी पाम सिवेट, पीले गले वाले हिमालयन मार्टन, घोरल, भौंकने वाले हिरण और सांभर का भी है। पंगोट नैनीताल शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर है पंगोट से नैनीताल रेलवे स्टेशन यह 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
नैनीताल के प्रसिद्ध व्यंजन
अगर आप नैनीताल घूमने जा रहें हैं तो आप वहां के कुछ फेमस फूड तथा फेमस स्ट्रीट फूड को जरूर ट्राई करें, आप नैनीताल में वहां के फेमस स्ट्रीट फूड में आने वाले पकोड़े, टिक्की बहुत ही फेमस है। इसके साथ ही यहां की दही जलेबी का स्वाद भी बेसुमार है, आप नैनीताल में आयें और यहां के मोमोज का स्वाद नहीं लिया तो समझो आपने कुछ नहीं चखा। तथा आप यहां पर मल्लीताल में मिठाइयों का भी स्वाद जरूर लें, तथा आपको गुलाब जामुन बर्गर को टेस्ट जरूर करना चाहिए क्योंकि ये एकदम अलग स्वाद लाते हैं। और यहां पर आप बन टिक्की तथा मलाई कुल्फी का भी लुफ्त उठाएं। साथ ही आप यहां पर चाइनीज और इटालियन फूड भी इन्जॉय कर सकते हैं।
नैनीताल में शॉपिंग
शॉपिंग के शौकीन पर्यटकों के लिए नैनीताल एक आकर्षक जगह है। नैनीताल सुगंधित, सजावटी, फैंसी आकृतियों में हस्तनिर्मित मोमबत्तियों, जैम, जूस कॉन्संट्रेट, बांस के कपड़े और पाइन कोन सजावटी वस्तुओं के लिए जाना जाता है। आप ताजा चेरी, सेब, स्ट्रॉबेरी, शहतूत, आड़ू और ब्लूबेरी आदि फल खरीद सकते हैं। नैनीताल में रंगीन ऊनी और स्कार्फ की खरीदारी के लिए भोटिया बाजार सबसे अच्छी जगह है। तिब्बती बाजार में स्कार्फ, शॉल और मफलर के स्टॉल भी हैं। पर्यटक बड़ा बाजार, द माल रोड, भोटिया बाजार और मल्लीताल से शॉपिंग कर सकते है।
नैनीताल यात्रा में सावधानियाँ
- आईडी कार्ड्स अपने पास रखें क्योंकि अगर आपके पास आईडी कार्ड्स नहीं होंगे जैसे कि आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटरआईडी तो आपको यहां पर होटल में रूम नहीं मिलेंगे और आपको नैनीताल के कई पर्यटन स्थलों पर एंट्री भी नहीं मिलेगी।
- कुछ जरूरी सामान रखें अपने ट्रिप बैग में रखे , नैनीताल की पहाड़ी ट्रिप पर आपको अपने साथ हमेशा एक्स्ट्रा मौजे ,गर्म कपड़े ,मफलर, फर्स्ट एड किट ,टॉर्च,सीटी,एक्स्ट्रा शू लेस ,डायरी-पेन ,कैश रकम ,कुछ पासपोर्ट साइज फोटो ,आई डी कार्ड की कुछ फोटो कॉपी ,छाता ,ग्लूकोस पाउडर ,मार्कर ,छोटी कैंची ,बिस्किट ,नमकीन ,सिक्के, इंहेलर,चॉकलेट्स , गर्म पानी की बॉटल, रस्सी, सुई धागा, रेनकोट ,सनग्लास ,कैमरा की एक्स्ट्रा बैटरी ,एक्स्ट्रा मेमोरी कार्ड , पावर बैंक, हैंड ग्लोवस आदि।
- ट्रिप पर जाने से पहले अपने पास कुछ मेडिसिन अवश्य रखें ।
- ट्रिप के दौरान अपने आपको रखें मानसिक व शरीरिक दोनों तरह से फिट।
- छोटे बैग (बैगपैक) मे एक जोड़ी एक्स्ट्रा कपड़े ,मेडिसिन ,रेनकोट डाल कर बैग को अपने साथ दिनभर रखे। ताकि बारिश मे भीगने या बीमार होने की स्थिति में ये सामान कहीं भी काम आ सके।
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